पंचदिवसीय दीपावली महोत्सव का दूसरा पर्व छोटी दीपावली या रूप चौदस के रूप में मनाया जाता है ,कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को छोटी दिवाली के नाम से जाना जाता है, इस दिन भगवान से प्रार्थना की जाती है कि नरकासुर के रूप में किसी का जन्म ना हो ,इस दिन तेल ,आटा हल्दी का उबटन लगाकर नहाने का विशेष महत्व शास्त्रों में बताया गया है तथा सौंदर्य स्वरूप भगवान श्री कृष्ण जी की पूजा अर्चना एवं व्रत का विधान बताया गया है, राजा बलि से भगवान विष्णु ने वामन अवतार लेकर इस दिन तीन पग में समस्त भूमि माप ली थी तत्पश्चात भगवान ने राजा बलि को वरदान दिया था कि जो आज के दिन दीपदान करेगा हरिप्रिया महालक्ष्मी उनके घर सदा निवास करेगी ,इस दिन दीप
दान का विशेष महत्व है, आप सभी को छोटी दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं
दीपावली खुशियों का पर्व है, किसी उदास चेहरे पर खुशी लाने का प्रयास करके इस पल को यादगार बनाएं , जय भोलेनाथ